कला विमर्श एक मंच है कलाओं और विचारों का। इस मंच से हम हिन्दी और अंग्रेजी के साथ ही अन्य भारतीय भाषाओं में भी सामग्री देने का प्रयास करेंगे। सम्पादक : वेद प्रकाश भारद्वाज Kala Vimarsha is a platform for art and thought. we try to explore it in different Indian languages. All artists and writers are invited to share informations and thoughts. please mail all material text and images. my email ID is bhardwajvedprakash@gmail.com Editor : Ved Prakash Bhardwaj
Friday, 22 November 2024
मणिकर्णिका आर्ट गैलरी महिला कलाकारों की प्रदर्शनीः डॉ. वेद प्रकाश भारद्वाज
मणिकर्णिका आर्ट गैलरी द्वारा दिल्ली के आईटीओ स्थित प्यारेलाल भवन में एक महीने का आर्ट फेयर आयोजित किया गया है जिसमें दस समूह प्रदर्शनियों का आयोजन किया गया है। इस श्रृंखला में 22 नवंबर 2024 को महिला कलाकारों की तीन दिवसीय समूह प्रदर्शनी का उद्घाटन किया गया। प्रदर्शनी में देशभर से आई दो दर्जन से अधिक महिला कलाकारों की पेंटिंग्स और शिल्प प्रदर्शित की गई हैं। यह प्रदर्शनी इस अर्थ में उल्लेखनीय है कि दिल्ली में महिला कलाकारों पर केंद्रित प्रदर्शनी लम्बे समय बाद देखने को मिली है। पिछले दिनों एक निजी गैलरी ने ऐसी प्रदर्शनी की थी पर उसमें बड़े और लोकप्रिय नामों की अधिकता थी। भारतीय समकालीन कला में अनेक ऐसी महिला कलाकार हैं जो महानगरों से दूर छोटे शहरों में रहकर भी कला कर रही हैं। इस प्रदर्शनी में ऐसी ही महिला कलाकारों का काम देखने को मिला है।
समकालीन भारतीय कला में या कला बाजार में भले ही यह महिला कलाकार कोई बड़ा नाम नहीं रखती हैं पर अपनी सृजनात्मकता से वह भारतीय कला के पक्ष में एक सकारात्मक वातावरण बनाती हैं। इन कलाकारों में कामकाजी महिलाओं से लेकर सामान्य गृहणियां तक शामिल हैं। इनके बीच उम्र का भी फासला है पर कुछ रचने का, अपनी बात कहने का हौसला इन्हें एक करता है। मानवीय आकारों से लेकर प्रकृति के सौन्दर्य, और अमूर्त चित्र और शिल्प इस प्रदर्शनी में हैं। इन कलाकृतियों में भावनाओं का उजास है और निजी अनुभूतियों की चमक भी। यह कलाकृतियाँ रचनाकार और दर्शकों के बीच एक मौन संवाद को जन्म देती हैं, ऐसा मौन संवाद जिसमें अर्थ की अनेक परतें खुलती दिखाई देती हैं।
महिला कलाकारों की उपस्थिति को दर्ज करती यह प्रदर्शनी वर्तमान कला परिदृश्य में एक जरूरी हस्तक्षेप है जो इस विचार को सामने रखती है कि कला के क्षेत्र में उन्हें कम नहीं आंका जा सकता। प्रदर्शनी में शामिल ज्यादातर कृतियां कलात्मकता और अभिव्यक्ति के स्तर पर अपनी उत्कृष्टता से प्रभावित करती हैं।
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